उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बंदरों का आतंक एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पहाड़ सी जिदंगी के आगे उत्तराखंड के लोग पहले ही पस्त थे लेकिन वन्य जीवों व बंदरों की इस समस्या ने जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी है। बंदरों के आतंक के चलते पहाड़ की कृषि तबाह हो गयी है व हरे भरे रहने वाले खेत बंजर पड़ गये हैं। लोग बेकार व बेरोजगार हो गये हैं। इससे प्रदेश में तेजी से पलायन भी बढ़ रहा है और पहाड़ खाली हो रहे हैं।
टिहरी जिले के नरेंद्रनगर और आसपास के क्षेत्र भी बंदरों के आतंक से सर्वाधिक त्रस्त है। खेती को तहस-नहस करने के साथ ही बंदर मानव पर भी हमला बोल रहे हैं। बीते दिनों नरेन्द्रनगर व आस पास के क्षेत्र मे आतंकी बन्दरों से निजात दिलाने के लिए स्थानीय निवासियों ने प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल से निवेदन किया था, जिसके बाद वन मंत्री के निर्देशन पर आतंकी बन्दरों से स्थानीय निवासियों को निजात दिलाने का वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।
वन विभाग द्वारा नरेन्द्र नगर क्षेत्र के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों में बंदर पकड़ने का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। वन विभाग ने आतंकी बंदरों को पकड़ने के लिए जगह जगह पिंजरे भी लगाए हैं। बंदरों को पकड़ने के बाद उन्हें सुरक्षित स्थानों और चिड़ियाघर रेस्क्यू सेंटर भेजा जा रहा है।
वन क्षेत्राधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि भागुवाला से बन्दर पकड़ने वाली एक्सपर्ट टीम को बुलाया गया है,जो एक सप्ताह तक विभिन्न चिन्हित स्थलों के आस-पास आतंकी बन्दरों को पकड़ने का काम कर रही है और कई बंदरों को पिंजरो मे कैद कर बधियाकरण के लिए चिडियापुर रेस्क्यू सेन्टर भेजा जा रहा है। उन्होंने स्थानीय निवासियों एवं राहगीरों से खाना खुले में न फेंकने की अपील भी की है। आपको बता दें कि वन विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर इसको लेकर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।


