देहरादून। देहरादून में हवा फिर से खराब हो गई है। पिछले तीन दिनों से वायु की गुणवत्ता का स्तर खराब श्रेणी में है। आठ जनवरी को एक्यूआई 290 दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़े दून के लोगों के लिए चिंता का सबब बने हैं। हवा जहरीली होने से सांस एवं दिल के मरीजों पर आफत आई है। हवा का स्तर खराब होने की वजह कोहरा पड़ना, नमी और बारिश न होना बताया गया है।
दरअसल, सर्दियों में हवा में नमी और कोहरे की वजह से हवा भारी हो जाती है, जो ऊपर उठने के बजाय जमीन के आसपास ही बनी रहती है। हवा में धूल और धुएं के कण हवा में रहते है। इससे मरीजों को दिक्कत होती है। सांस रोग विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण की वजह से जुकाम होना और सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, खांसी, गले में इंफेक्शन, अस्थमा, फेफड़ों की समस्या हो सकती है। ऐसे में घर से बाहर निकलते समय हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। आंखों पर चश्मा लगाएं। बच्चों एवं बुजुर्गों को घर से बाहर न जाने दें। उनकी दवाओं को नियमित जारी रखें।
बढ़े सांस के मरीज
दून अस्पताल, कोरोनेशन अस्पताल समेत अन्य निजी अस्पतालों की इमरजेंसी एवं ओपीडी में सांस एवं दिल के मरीजों में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई है। दून की इमरजेंसी के प्रभारी डा. मुकेश उपाध्याय और कोरोनेशन के ईएमओ डा. मनीष शर्मा के मुताबिक इमरजेंसी में रात के समय सांस एवं दिल के मरीज इन दिनों में बढ़ गए हैं। रात को 20 से 30 मरीज इस तरह के आ रहे हैं, जिन्हें तत्काल ऑक्सीजन देनी पड़ती है। डीएमएस डा. धनंजय डोभाल के मुताबिक मेडिसन, टीबी एंड चेस्ट विभाग और कॉर्डियोलॉजी की ओपीडी में भी मरीज 30 फीसदी तक बढ़े हैं।


