ऋषिकेश। निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल एक ऐसी जगह है जो केवल शिक्षा ही बल्कि समाज सेवा में संलग्न है। निर्मल आश्रम दीपमाला पब्लिक स्कूल में बच्चे जीवन की मजबूत शुरुआत करने के लिए पर्याप्त उपयोगी चीजें सीखते हैं। यहां उनकी बुनियाद की नींव रखी जाती है। यहां छात्र भविष्य में अधिक सीखने की इच्छा विकसित करते हैं। यही वजह है कि स्कूल के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम का ग्राफ उत्तरोत्तर बढ़ रहा है।
बता दें कि विद्यालय की होनहार छात्रा गौरंगी चावला ने कक्षा 12वीं में कला वर्ग में अधिकतम अंक लेकर पूरे देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। विद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों में ऋचा सहगल, नमामि बंसल, शार्दुल गोयल, वर्तिका जोशी, श्री गोयल, अदिति रॉय जैसे अनेक छात्र महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। सूरज राणा, आशीष मनादुली, गुंजन थपलियाल, नमन रावल और विजय पाल रावत भारतीय सेनाओं में तथा अत्रि चेतन चित्रकला के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे हैं। विद्यार्थियों द्वारा नए-नए कीर्तिमान रचने का सिलसिला निरंतर जारी है। इसी तरह विद्यालय का गौरवमयी इतिहास होनहार विद्यार्थियों से महा मंडित है। जो विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं और अपनी कर्मठता से स्कूल व अभिभावकों को गौरवान्वित कर रहे हैं।
बता दें कि आज से लगभग 120 वर्ष पूर्व सन् 1903 में परम पूज्य महंत बुड्ढा सिंह जी महाराज ने समाज सेवा के उद्देश्य से ‘निर्मल आश्रम’ की स्थापना की थी। इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए सन् 1993- महंत राम सिंह जी महाराज द्वारा निर्मल आश्रम अस्पताल मानव सेवा के लिए शुरू किया गया। तभी कृतज्ञता प्रकट करते हुए क्षेत्रवासियों द्वारा एक उच्च स्तरीय विद्यालय बनाने की विनती महंत रामसिंह महाराज जी से की गई। जिस को मूर्त रूप देने हेतु 14 अप्रैल, 1996 बैसाखी के दिन महंत बाबा रामसिंह जी महाराज व संत जोधसिंह महाराज के कर कमलों से निर्मल दीपमाला पब्लिक स्कूल का शिलान्यास किया गया। 1 अप्रैल, 1997 में 372 विद्यार्थियों के साथ विद्यालय का प्रथम सत्र प्रारंभ हुआ। जिसमें 65 छात्र छात्रावास में रहकर विद्या अध्ययन कर रहे थे।
महंत राम सिंह जी महाराज द्वारा रोपा गया एन. डी. एस. रूपी पौधा आज अपनी अनगिनत शाखाओं, पल्लवों, पुष्पों व फलों से भरपूर विशाल वृक्ष बन कर न केवल शीतल छाया दे रहा है अपितु वृक्ष की भांति परोपकार में संलग्न है। निर्मल आश्रम का सिद्धांत ‘लव ऑल सर्व ऑल अर्थात ‘सबसे प्रेम सब की सेवा’ को ही अपना लक्ष्य बनाकर निर्मल दीपमाला पब्लिक स्कूल भी प्रगति के पथ पर अग्रसर है और महान संतों के सानिध्य में समाज सेवा कर रहा है और सदैव करता रहेगा।


