उत्तराखंड

सूबे के इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी

हल्द्वानी। सूबे के पहाड़ों पर सरकारी स्कूलों की बदहाली किसी से छिपी नही है। सरकार बेशक सरकारी स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए लाख दावें करती है लेकिन हकीकत इससे उलट ही है। दरअसल उत्तराखंड के 500 राजकीय विद्यालयों को स्मार्ट बनाने के लिए 2019 में वर्चुअल कक्षाओं की शुरुआत की गई थी। इसके अलावा राज्य स्कूली शिक्षा में वर्चुअल क्लासरूम प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इनकी मॉनिटरिंग के लिए देहरादून में वर्चुअल स्टूडियो बनाया गया था। जिसमें कि स्टूडियो में विषय विशेषज्ञ शिक्षक बैठेंगे और स्कूलों से जुड़े रहेंगे ताकि शिक्षक विहीन स्कूलों में पढ़ाई अनवरत चलती रहे। लेकिन धरातल ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि नैनीताल जिले के 20 स्कूलों को जिला परियोजना अधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल के एस रावत ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

यह भी पढ़ें 👉  जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: टिहरी में निर्दलीय हुए किंग मेकर,भाजपा-कांग्रेस में जोड़तोड़ की होड़

बता दें कि इन स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम को संचालित करने में वहां का स्टाफ कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। यह लापरवाही मुख्य शिक्षा अधिकारी के पकड़ में आई है जिसके बाद से 20 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसमें से बेतालघाट के 7, धारी के दो, हल्द्वानी के चार, रामगढ़ के दो और रामनगर के दो भीमताल ओखल कांडा और कोटाबाग का एक-एक स्कूल शामिल है।

यह भी पढ़ें 👉  धामी बोले– किसानों की आमदनी दोगुनी, विकास में कोई कोताही नहीं

दरअसल, पिछले दिनों 11 नवंबर को पूर्व आईएएस और 21 नवंबर को राष्ट्रीय चैंपियन एथलीट के साथ वर्चुअल कक्षा के माध्यम से संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान नैनीताल जिले के कई सरकारी स्कूल में कार्यक्रम में बच्चों को वर्चुअल कक्षा के जरिए दिखाया ही नहीं। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए इन सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  गुलदार के हमले से बचने के ठोस उपाय...मानव की सुरक्षा के लिए उपाय:
101 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top