उत्तराखंड

Breaking:यंहा पूर्व स्पीकर प्रेमचंद को बर्खास्त करने की मांग उठी,दोषी होने पर भी मजा ले रहे मंत्रालय का पढ़िए,,

-नौकरी पाने वालों को सजा तो नौकरी देने वाले को मजा क्यों,नहीं किया बर्ख़ास्त तो करूँगा आमरण अनशन-जयेन्द्र रमोला

देहरादून। एक ओर पूरे देश और प्रदेश मे अंकिता मर्डर केस की आग सुलगती ही जा रही है,जगह जगह अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए और दोषियों को फांसी की सजा की मांग पर अड़े लोग और विपक्षीय दल सड़को पर उत्तर गए हैं। वंही उत्तराखंड मे हुए भर्ती घोटालों की आग भी ठंडी होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही मे विधानसभा बैकडोर भर्तियों की जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष ने सार्वजनिक कर दी,जिसके बाद से विपक्ष अब फिर से सरकार को आड़े हाथ लेने लगा है।

रविवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला के द्वारा नगर के कांग्रेस जनों के साथ ऋषिकेश मे प्रेस वार्ता की गई। जिसमें रमोला ने विधानसभा भर्ती घोटाले की जाँच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही को अधूरा बताया कहा कि नौकरी पाने वालों को सजा और नौकरी देने वाले मंत्री को मंत्रालय का मज़ा क्यों दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले में आई जाँच समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2016 तक 150, वर्ष 2020 में 6 व वर्ष 2021 में 72 तदर्थ भर्तियाँ नियम के विरूद्ध की गई हैं इस सभी भर्तियों को करवाने में विधानसभा एक्ट में अनुच्छेद 14-16 का उल्लंघन किया गया है साथ ही कहा कि ये भर्तियाँ नियमानुसार नहीं हुई वहीं दूसरी ओर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल पूर्व में कहते रहे कि ये भर्तियाँ नियमानुसार है तो कहीं ना कहीं या तो समिति की रिपोर्ट ग़लत है या प्रेमचन्द ग़लत हैं और जब नियुक्तियों को रद्द किया गया तो जिसने इन नियुक्तियों को संस्तुति दी उन पर सरकार क्या कार्यवाही करेगी क्योंकि जब तक भ्रष्टाचार को जड़ से नहीं समाप्त किया जायेगा तब तक ये भ्रष्टाचारी रूपी वृक्ष और ऐसे भ्रष्टाचार करते रहेंगे इसलिये नियुक्ति देने वालों को क्यों बक्शा जा रहा है । जबकि 2021 में 72 लोगों को जिसमें मंत्री के भांजे, आरएसएस के नेताओं के रिस्तेदारों सहित प्रदेश के कई भाजपा नेताओं के क़रीबियों को दिसम्बर में ही नौकरी दे दी गई थी परन्तु इनको तनख़्वाह नहीं दी जा रही थी क्योंकि तत्कालीन वित्त सचिव ने इसकी संस्तुति नहीं की और जैसे ही 2022 के विधानसभा चुनाव हुऐ तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष चुनाव जीत कर संसदीय कार्य मंत्री व वित्त मंत्री बने तो उन्होंने एक ही दिन में पहले संसदीय कार्य मंत्री के रूप में पदों का सृजन कर वित्त मंत्री के रूप तनख़्वाह को वित्तीय स्वीकृति देते हैं इससे साफ़ स्पष्ट है कि एक ही व्यक्ति प्रेमचन्द अग्रवाल बैक डोर से अवैध नियुक्ति देते है तो असली दोषी भी यही है और उन पर भी सख़्त कार्रवाई होनी चाहिये।

यह भी पढ़ें 👉  डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने श्यामपुर में व्यापारियों और जनता को जागरूक किया, घटे जीएसटी स्लैब की दी जानकारी

 

रमोला ने कहा कि एक ओर होनहार बच्चे सोर्स व पैसा ना होने के कारण प्राईवेट रिजार्ट व अन्य जगहों पर नौकरी करने पर मजबूर हैं और वहीं दूसरी ओर मंत्री द्वारा अपने निठल्ले रिस्तेदारों को पीछे के दरवाज़े से अवैध नियुक्ति दी जाती है मेरा मानना है कहीं ना कहीं प्रेमचन्द जैसे नेता अंकिता जैसी होनहार बहन के हत्या के भी दोषी हैं क्योंकि मेरी जानकारी में आया वह होनहार छात्रा होने के साथ साथ अच्छे अंकों से पास होती आई परन्तु उसको और उसके जैसी उत्तराखण्ड की कई बहनों व भाइयों ऐसे भ्रष्ट नेता के कारण ऐसी जगह या प्रदेश से बाहर जाकर नौकरी करनी पड़ती है और अंकिता की तरह कईयों को जान गँवानी पड़ती है। मेरी राज्यपाल महोदय व सरकार से माँग है कि प्रेमचन्द अग्रवाल पर अवैध नियुक्तियों के लिये मंत्री मण्डल से बर्खास्त कर मुक़दमा दर्ज करना चाहिये और साथ ही अंकिता की मौत का ज़िम्मेदार भी मानते हुऐ ग़ैर इरादतन हत्या का मुक़दमा दर्ज होना चाहिये ताकि भविष्य में ऐसे किसी भी होनहार बच्चों को प्रदेश की सरकारी सेवा से वंचित ना होना पड़े और उनकी जान बचाई जा सके।

यह भी पढ़ें 👉  जलवा:हिमालयन विश्वविद्यालय में पहली बार भव्य रामलीला, स्टाफ और छात्रों ने दिखाया जलवा

 

रमोला ने कहा कि जैसा सुना जा रहा है कि विधानसभा बैक डोर भर्ती के लिये मोटी रक़म नौकरी पाने वालों ने दी है और अब उनकी भर्ती निरस्त हो गई है तो जिन भी लोगों ने भर्ती होने के लिये अगर पैसा दिया है तो वह हम कांग्रेस जनों से मिल सकता है हम उसकी सुनवाई के लिये भी संघर्ष  करेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून DM सविन बंसल की जनसुनवाई में 144 शिकायतें दर्ज, मौके पर ही कई मामलों का समाधान

रमोला ने ऐलान करते हुऐ सरकार से माँग की कि अगर आने वाले दशहरे तक अवैध भर्ती के घोटाले के मुख्य सूत्रधार रूपी रावण प्रेमचन्द अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त ना किया गया तो मैं दशहरे के बाद प्रेमचन्द अग्रवाल के ऋषिकेश निवास के बाहर आमरण अनशन करूँगा और साथ ही विधिक राय लेकर विधानसभा में नियमविरूद्ध भर्ती करने वाले मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल के विरूद्ध मुक़दमा दायर करने के लिये उच्च न्यायालय की शरण में जाऊँगा। उधर, कांग्रेस नेता दीपक जाटव ने कहा कि युवाओं के साथ रोजगार को लेकर हुए इस प्रकार के छल को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, इसको लेकर संघर्ष की लड़ाई अंजाम तक पहुँचाने तक जारी रहेगी।

 

 

प्रेस वार्ता में प्रदेश सचिव मदन मोहन शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर रॉय, पार्षद राकेश सिंह,पार्षद शकुंतला शर्मा, पार्षद देवेन्द्र प्रजापति, पार्षद भगवान सिंह पंवार, युंका प्रदेश महासचिव गौरव राणा आदि मौजूद थे ।

SGRRU Classified Ad
86 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top